Bank Loan New Rules : दोस्तों आपको पता होगा जब भी हम बैंक से लोन लेने जाते हैं तो हमारा सिविल स्कोर चेक किया जाता है बैंकों के द्वारा क्योंकि सिविल स्कोर एक व्यक्ति की फाइनेंशियल रेपुटेशन बताता है कि यह व्यक्ति बैंक लोन कितनी आसानी से चुका सकता है चुका भी पाएगा या नहीं पाएगा सीधे अपने आम बोलचाल की भाषा में बोले तो व्यक्ति का लेनदेन कैसा है यह उधार वापस दे सकता है या नहीं दे सकता है आपको पता होगा जब भी हम मार्केट में भी किसी को पैसे उधार देते हैं तो उसकी रेपुटेशन चेक करते हैं कि सोसाइटी में समाज में उसकी पैठ कितनी है मतलब उसकी लेनदेन अगर अच्छा नहीं है दोस्तों में समाज में परिवार में अगर उसके पैसों के लेनदेन के मामले में वैल्यू अगर खत्म हो चुकी है रेपुटेशन डाउन हो चुकी है तो फिर उस व्यक्ति कोई उदाहरण नहीं देता है।
Bank Loan New Rules
ऐसे ही बैंकों में भी सिस्टम लागू होता है, कि व्यक्ति का सिविल स्कोर चेक किया जाता है जो ये दर्शाता है कि आपने मान लीजिए पिछला कोई लोन लिया समय पर चुकाया कि नहीं चुकाया उसकी किस्त समय पर भरी कि नहीं भरी तो अगर आपका सिविल स्कोर खराब हो गया तो बैंक आपको लोन वापस आसानी से नहीं देते हैं और अगर देते भी हैं तो फिर बहुत ही ज्यादा हाई इंटरेस्ट रेट यानी ब्याज दरें बहुत ज्यादा देनी पड़ती है।
सिबिल स्कोर क्या होता है बैंक क्यों चेक करते हैं इसे अब समझिए भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई की तरफ से सिबिल स्कोर के नियमों में बदला किया अगर आप भी लोन लेने जा रहे हैं तो यह जरूर जान लें वरना आपको कुछ दिक्कत हो सकती है सिबिल स्कोर को क्रेडिट स्कोर भी कहा जाता है और यह कर्ज लेते वक्त इसकी अहमियत काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
क्रेडिट स्कोर से फटाफट लोन
आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आप इससे जुड़े बाकी पैमानों पर भी खरे उतरते हैं तो फिर आपको झटपट लोन मिल जाता है बैंक आनाकानी नहीं करते हैं लेकिन जैसा कि मैंने आपको बताया क्रेडिट स्कोर खराब होने पर कर्ज या क्रेडिट कार्ड मिलने में भी काफी दिक्कत होती है, अगर आपका सिविल स्कोर खराब है तो क्रेडिट कार्ड भी आसानी से नहीं मिलेगा आपको पर्सनल लोन भी नहीं देते बैंक। फिर लोन देंगे तो या तो आपको कार लोन मिलेगा या आपको आपकी प्रॉपर्टी के अगेंस्ट में होम लोन वगैरह मिल जाएगा वो भी हाई इंटरेस्ट पर कई बार तो बैंक या एनबीएफसी सीधे मना ही कर देते हैं।
RBI का नया लोन नियम
भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई की तरफ से क्रेडिट स्कोर को लेकर बैंकों और वित्तीय कंपनियों के लिए एक नया नियम जारी किया है, खुद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से यह ऐलान किया गया है, ये नया नियम क्या है और इससे बैंकों के ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है तो पहले जो मतलब पुराना अभी मौजूदा नियम है उसके मुताबिक आपका सिविल स्कोर या क्रेडिट स्कोर हर एक महीने में अपडेट होता है ठीक है हर महीने के हिसाब से आपकी सिविल कम या ज्यादा होती है अप या डाउन होती है लेकिन अब इसे 15 दिन में ही अपडेट करना होगा सभी बैंकों और एनबीएफसी यानी कि नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज को आरबीआई की तरफ से यह निर्देश जारी कर दिया है।
कि हर 15 दिन में हर व्यक्ति का हर ग्राहक का सिविल स्कोर अपडेट करो इससे बैंक और ग्राहक दोनों को फायदा होगा, ग्राहकों की क्रेडिट जानकारी जैसे कि उन्होंने समय पर कर्ज चुकाया या नहीं क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां जो सीसीआई हैं उनको भेजनी होगी तो सीसीआई उस जानकारी को तेजी से अपडेट करेगी तो इससे बैंक और ग्राहक दोनों को फायदा कैसे होगा समझ गए हो आप आपको लोन भी जल्दी से मिल पाएगा और बैंकों का लोन डूबने की संभावना भी कम हो जाएगी।