Bank Bad News : बैंको में कम हो रहे ‘पैसे’ ! Cash पर सरकार के लिए नई मुसीबत ? पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान देश में बैंकिंग सिस्टम की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं लोन ग्रोथ के मुकाबले बैंकों की डिपॉजिट ग्रोथ लगातार कम हो रही है यानी अब देश के बैंकिंग सिस्टम में कैश की भारी कमी आ गई है हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे महीने के दौरान नगदी में गिरावट जारी रही महीने की शुरुआत यानी 2 अगस्त को बैंकिंग प्रणाली में नगदी 2.56 लाख करोड़ थी जो 16 अगस्त को घटकर 1.55 लाख करोड़ और 28 अगस्त को 0.95 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर आ गई है।
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इस मामले पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों से अपनी जमा को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने को कहा है इसके बावजूद बैंकों की लिक्विडिटी कमजोर होती जा रही है, बैंकों की जमा में आ रही गिरावट सरकार से लेकर आरबीआई तक के लिए चिंता का विषय बनी हुई है यह देश में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है वहीं कुछ दिन पहले भी वित्त मंत्री ने बैंकों में घटते डिपॉजिट पर चिंता जताई थी
उन्होंने आरबीआई निर्देशक मंडल के साथ मीटिंग के बाद कहा था कि बैंकों को कुछ इनोवेटिव और आकर्षक पोर्टफोलियो लाने के बारे में सोचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बैंकों में पैसे जमा कर सके वहीं दूसरी ओर बैंकों में आ रही कैश की कमी के पीछे का कारण भी आरबीआई गवर्नर ने पहले ही बताया था उन्होंने कहा था कि पहले के जमाने में आम आदमी के लिए निवेश का एकमात्र विकल्प बैंक होते थे लेकिन अब ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है और लोग कैपिटल मार्केट यानी शेयर बाजार की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं।
बैंको मे कैश की समस्या
इसके अलावा अन्य फाइनेंशियल एसेट में उनका निवेश लगातार बड़ा है इसलिए बैंकों की जमा में कमी आने की वजह ग्राहकों के व्यवहार में बदलाव आना है इसके साथ ही गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि बैंकों की जमा का एक बड़ा हिस्सा अब म्यूचुअल फंड पेंशन फंड और इंश्योरेंस फंड की ओर मूव हो रहा है।