आपको पता होगा हर 10 साल में हमारे देश में जनगणना होती है देश की आजादी से पहले से ही अंग्रेजों के जमाने से 1883 से ही हमारे देश में हर 10 साल में जनगणना होती है और उस हिसाब से तो साल 2021 में जनगणना होनी थी। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से 2021 में सें जनगणना नहीं हो पाई अब सरकार ने प्लान बनाया है नए साल 2025 में जनगणना कराने जा रही है ऐसे में आम लोगों के लिए जनगणना से जुड़ी कुछ खास महत्त्वपूर्ण जानकारियां जो आपको जरूर जाननी चाहिए।
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अगर आपके घर में भी मोबाइल, टीवी, फ्रिज, कार, मोटरसाइकिल, बाइक, स्कूटी वगैरह है तो ध्यान से पूरा इस खबर को पढे। क्योंकि जनगणना से जुड़े कुछ नए नियम भी हैं वो भी देखेंगे और इसके अलावा जो कांग्रेस जातीय जनगणना करवाना चाहती ,है इसी मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी जातिगत जनगणना पर एक बड़ा फैसला आया है तो आइए एक-एक करके सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां देखते हैं। साल 2025 में होने वाली जनगणना में पहली बार यह सिस्टम होगा कि यह जनगणना डिजिटली तरीके से होगी आम लोगों से जनगणना में 34 तरह के सवाल पूछे जाएंगे ये भी पूछा जाएगा कि आपके खाने का मुख्य अनाज क्या है।
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ये 2025 में भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा जब समय पर जनगणना नहीं हुई और अब इस बार जनगणना पर 1000 करोड़ से भी ज्यादा का खर्चा आने का अनुमान है, वहीं खबर ये भी है कि अगर जातिगत जनगणना हुई तो गिनी जाएंगी मुसलमानों की भी जातियां लेकिन जातिगत जनगणना को लेकर सरकार का क्या प्लान है आगे मैं आपको डिटेल जानकारी बताऊंगा फिलहाल देखिए एक महत्त्वपूर्ण अपडेट तो ये है कि जनवरी 2025 के बाद जो जनगणना शुरू हो सकेगी क्योंकि सरकार ने राज्यों की सीमाएं सील करने की जो रोक लगा रखी थी उसको भी हटा दिया है।
अभी 31 दिसंबर 2024 तक राज्य अपने बॉर्डर बदल सकते हैं ये देख सकते हैं आप जनगणना रजिस्ट्रार ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया इससे संबंधित और वैसे तो राज्यों को सीमाएं सील करने की अंतिम तारीख 30 जून दे रखी थी 2024 की लेकिन उसको बढ़ाकर अभी 31 दिसंबर यानी 31 दिसंबर 2024 कर दिया है नए साल की पहली तारीख 1 जनवरी 2025 के बाद कोई भी राज्य अपनी सीमाओं में छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे।
Indian Census
The Indian Census is a nationwide demographic survey conducted every 10 years by the Registrar General and Census Commissioner of India. First held in 1871, it gathers data on population size, age, sex, literacy, occupation, religion, language, and housing. The Census helps in formulating policies, planning public services, and allocating resources. It also determines political representation and guides development strategies. The last Census, in 2011, reported India’s population as 1.21 billion, with a literacy rate of 74.04%. The next Census, initially scheduled for 2021, is now expected to take place in 2024 due to COVID-19 delays.