इस नई सोलर तकनीक के जरिए किसान खाने के साथ पैदा करेंगे बिजली जर्मन आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री स्वनिया शलतसे की मौजूदगी में एक ऐसे समझौते पर दस्तखत हो रहे हैं जो सोलर एनर्जी और खेतीबाड़ी दोनों ही लिहाज से एक अहम टेक्नोलॉजी से जुड़ा है गुजरात की राजधानी गांधी नगर में रिइन्वेस्ट 2024 के दौरान भारत की कंपनी एग्री विजय और जर्मन कंपनी नेक्स्ट टू सन के बीच यह समझौता हुआ है जो खेतों में वर्टिकल फोटोवोल्टेक सोलर सिस्टम लगाने के बारे में है।
Solar System Kisaan Profit
ये वाली टेक्नोलॉजी भारत के लिए इंपोर्टेंट इसलिए है क्योंकि हम कृषि प्रधान देश हैं अगर एग्रीकल्चर और सोलर एनर्जी साथ में रहे जहां पे एग्रीकल्चर भी ग्रो हो रहा है, एनर्जी भी प्रोड्यूस हो रही है तो फार्मर अन्न दाता के साथ ऊर्जा दाता भी बन सकता है जो कि आगे जाके वो अपनी लैंड को किसी कंपनी को देकर बिजली भी बेच सकता है और वो बिजली बेचने के साथ ना सिर्फ आमदनी बिजली से होगी बल्कि देश को जो बिजली चाहिए जो हमें नेट जीरो गोल अचीव करना है क्लाइमेट चेंज के साथ फाइट करना है वो सारे गोल अचीव हो जाएंगे।
सोलर तकनीक से बदलाव
ये टेक्नोलॉजी भारत के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है और इसपे कई कंपनियां काम भी कर रही है और इसमें और कंपनियां अग्रणी तरीके से काम करेंगी आई थिंक यह एक पहला कदम है इस टेक्नोलॉजी की तरफ जर्मन इसका मतलब है कि हॉरिजॉन्टल यानी क्षैतिज सोलर पैनलों की तुलना में वर्टिकल यानी खड़े सोलर सिस्टम बहुत कम जगह घेर और उनके साथ-साथ खेतों में फसल भी उगाई जा सकेगी जर्मनी में इस टेक्नोलॉजी पर काफी काम हुआ है।
सोलर कराएगे किसानो को मुनाफा
इसे बाजार में लेकर आए हैं हम इस क्षेत्र में अब करीब 10 साल से काम कर रहे हैं एक तरफ तो इसके इंस्टॉलेशन में 1% से भी कम जमीन की जरूरत होती है चूंकि इसमें एनर्जी उत्पादन के लिए वर्टिकल डायमेंशन इस्तेमाल कर रहे हैं और खेती के लिए हॉरिजॉन्टल डायमेंशन दूसरा इससे सुबह और शाम दोनों समय पर बराबर बिजली बनती है।
पीएम ने अक्षय ऊर्जा को बढावा देना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अक्षय ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए नई नीतियां बना रही है आपके लिए एक्सशन की और रिटर्न की कारण है और मैं आशा करता हूं क्या आप उस पर जुड़ेंगे इस क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है इनोवेशन के लिए बहुत अच्छी जगह और नहीं हो सकती है जर्मन आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री सन्या शुल से ने एक बड़े औद्योगिक प्रतिनिधि मंडल के साथ रिइन्वेस्ट 2024 में हिस्सा लिया वह मानती हैं कि अक्षय ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है।